जीवन
में ध्यान रखने
योग्य बाते (Life Tips)
•
तिजोरी
के उपर कोई
भी सामान नही
रखना ।
•
तिजोरी
के एकदम उपरी
खाने में रुपिये-पैसे रखने
नही चाहीये ।
•
घर
में स्टोर के
पास पूजा कक्ष
न रखे ।
•
मकान
के जीस कोने
में दोष हो,
वहां शंख बजाना
चाहीये ।
•
घर
में दुध वाले
वृक्ष से गृहस्वामी
फेफडे एवं किडनी
के रोग से
ग्रस्त होते है
।
•
घर
में बंघ पडी
घडी भाग्यको अवरुद्ध
करती है ।
•
पूजा
स्थल में सुबह
शाम दीपक जलाना
सौभाग्य वर्धक है ।
•
पलंग
नीचे सामान या
चप्पल रखने से
ऊर्जा का बहाव
अधिक होता है
।
•
ओफिस
में पीठ के
पीछे पुस्तक की
अलमारी न रखे
।
•
मुकदमे
या विवाह से
संबंघित फाईल तिजोरी
या लोकर में
न रखे ।
•
पूजा
स्थल के उपर
कोई भी वस्तु
न रखे ।
•
मृतात्मा
के चित्र पूजा
कक्ष में रखने
से घर में
क्लेश एवं रोग
होता है ।
•
घर
में पूर्वज के
चित्र नैऋत्य कोने
या पश्चिम में
रखे ।
•
नजर
लगानेवाले व्यक्ति जाते ही
तीन अगरबत्ती की
धूप पुरे घर
में फैला दे
।
•
प्रस्थान
के वक्त जुत्ते-चप्पल का नाम
लेना अशुभ है
।
•
तुटा
हुआ दर्पण ( आयना
) घर में न
रखे ।
•
बेड
रुम में डबल
बेड पर दो
अलग-अलग गद्दे
रखने से तनाव
एवं दंपति में
दरार पडती है
।
•
बीम
के नीचे डाईनींग
टेबल रखने से
उधार रकम वापस
नही आती ।
•
शयन
कक्ष में जल
तथा दर्पण अशुभ
है ।
•
छत
पर उल्टा मटका
रखने से राहु
ग्रह कुपित होता
है ।
परेशानी आती है
।
•
भारी
अलमारी या फर्निचर
घर में दक्षिण
या पश्चिम में
रखे ।
•
शयनकक्ष,
रसोई गृह एवं
भोजन कक्ष बीम
रहित होना चाहिए
।
•
तेजस्वी
संतान प्राप्ति के
इच्छुक दंपत्ति को एक
थाली में भोजन
नही करना ।
•
उत्तर
या पूर्व दिशा
की ओर तिजोरी
का पल्ला खुलना
सबसे उत्तम है
।
•
किसीभी
कक्ष या शयन
कक्ष में दरवाजे
के पीछे कपडे
आदि कुछ भी
लटकाना नही चाहीये
।
•
सीढीयों
के नीचे बैठकर
कोइ भी काम
न करे ।
•
प्रत्येक
रविवार को बच्चों
को दूध-रोटी
और शक्कर अलग
अलग या मिलाकर
खिलाने से मेघा
शक्ति बढती है
।
•
मुकदमा–विवाद या झघडे
के कागजात उत्तर,
पूर्व या ईशान
दिशामें रखने से
फैसले जल्दी आते
है ।
•
शयन
कक्ष में झुठे
बर्तन रखने से
कारोबार में कमी
आती है और
कर्ज बढता है
।
•
ईशान
कोने में कचरा
जमा होता है,
तो शत्रु वृद्धि
होती है ।
•
• उपहारमें
आये चाकु – कैंची
आदि न रखे
।
•
एक
ही लाईन में
तीन व्यक्ति का
फोटो न रखे
।
•
इशान
कोने में वजन
रखना अशुभ है
एवं नैऋत्यमें जितना
भार हो उतना
अच्छा है ।
•
रसोई
घरमें पूजा स्थान
रखने से गृह
स्वामी धोखा खाता
है ।
•
धन
तेरस को खरीदे
गये या नये
बर्तनो को घर
पर खाली नही
ले जाना, फल-फुल या
मिठाइयां डालना, कुछ न
हो तो सिक्के
डालकर ले आना
।
•
दो
अंगुली से पकडकर
नोट लेना अशुभ
है, लेन-देन
पांचो अंगुलीओ से
करनी चाहीए ।
•
कार्यालय
या ओफिस द्वार
पर देहली वर्ज्य
है, देहली से
अवरोध उत्पन्न होता
है ।
•
कार्यालय
या ओफिस में
आगन्तुको की कुर्सीयो
से अपनी कुर्सी
कुछ उंची रखे
।
•
हंमेशा
शिकायत करने से
– रोने से घरमें
हानिकारक नकारात्मक उर्जा पैदा
होती है ।
•
घरकी
देहली के अंदर
खडे रहकर दान
देना चाहिये ।
•
स्नान
कीये बिना दुकान
नही जाना चाहीये
।
•
फोटो
आदि को दक्षिण
दिवार पर लगाना
चाहीये ।
•
किसी
भी शुभ चोघडीये
में पीसी गई
हल्दी में गंगा-जल मिलाकर
मुख्य द्वार के
दोनो तरफ ॐ
तथा साथिया बनाने
से अनर्थ संभावना
समाप्त हो जाती
है ।
•
घरमें
बिल्ली का विष्टा
करना शुभ सुचक
है ।
•
ईशान
या उत्तर में
तुलसी का पौधा
लगाने से उधारी
दूर होती है
।
•
धन
प्राप्त करना हो
तो दरवाजो को
पैर से खोल-बंध न
करे ।
•
शीशम
के पन्नो को
(पत्ते) सिरहाने रखने से
स्वप्न दोष समाप्त
हो जाता है
।
•
बुधवार
को पैसे, पुस्तक,
स्कुटर, पंखे आदि
कुछ भी उधार
देना नही चाहिये
।
•
दो
दर्पण आमने सामने
नही रखने चाहिये
।
•
अनजाने
कुत्ते का पीछे
आना शुभ सूचक
है ।
•
चाय
देते समय किटली
या जग की
नली महेमानो की
तरफ रखने से
आपस में गलतफहमी
हो जाती है
।
•
नूतन
घर में पुराना
झाडु ले जाना
अशुभ है ।
•
घर
में चमगादडो का
मंडराना या वास
करना महा अशुभ
कारक है ।
•
छः
मास के बालक
को 153, 162 या 171 में दिन
पर बालक के
कानमें नवकार, उवसग्गहरं, लोगस्स
सुनाकर चांदीकी कटोरीमें शक्कर
वाले दुधमें अष्टगंध
मिलाकर चांदीकी सली से
जीभ के उपर
ॐ ह्रीँ श्रीँ
ह्रूँ फट् यह
मंत्र लिखने से
बालक भविष्य में
सरस्वती पुत्र होता है
।
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