Friday, 3 July 2015

इस तरह नहाने से दूर हो सकती है धन समस्या

 

इस तरह नहाने से दूर हो सकती है धन समस्या

नहाने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है। सभी प्रकार के पूजन कर्म आदि नहाने के बाद ही किए जाते हैं, इस कारण स्नान का काफी अधिक महत्व है। पुराने समय में सभी ऋषि-मुनि नदी में नहाते समय सूर्य को जल अर्पित करते थे और मंत्रों का जप करते थे। इस प्रकार के उपायों से अक्षय पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं। ज्योतिष में धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जो अलग-अलग समय पर किए जाते हैं। नहाते समय करने के लिए एक उपाय बताया गया है। इस उपाय को सही विधि से हर रोज किया जाए तो निकट भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं। जानिए उपाय की विधि...
प्रतिदिन नहाने से पहले बाल्टी में पानी भरें और इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से पानी पर त्रिभुज का चिह्न बनाएं।
त्रिभुज बनाने के बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ‘ह्रीं’ उसी चिह्न के बीच वाले स्थान पर लिखें। साथ ही, अपने इष्ट देवी-देवता से परेशानियों दूर करने की प्रार्थना करें।
हर रोज नहाने से पहले यह उपाय करें। इस उपाय के संबंध में किसी प्रकार की शंका या संदेह नहीं करना चाहिए। आस्था और विश्वास के साथ उपाय करेंगे तो सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही, इस उपाय की चर्चा भी किसी से नहीं करना चाहिए। अन्यथा उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाता है


नहाते समय करें मंत्रों का जप
शास्त्रों में दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जप करना चाहिए। स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
नहाते समय इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है...
मंत्र: गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
 
 
नदी में नहाते समय पानी पर ऊँ लिखें
यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। ऐसा करने से नदी स्नान का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है। इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं। यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है।
 
ये बातें ध्यान रखें...
रात के समय या शाम के समय नहाना नहीं चाहिए। यदि सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण का दिन हो तो उस दिन रात के समय स्नान किया जा सकता है।
स्नान के पश्चात तेल आदि की मालिश नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही भीगे कपड़े भी नहीं पहनना चाहिए।
स्नान के सात प्रकार
मंत्र स्नान - मंत्र जप करते हुए स्नान करना
भोम स्नान - समस्त शरीर मे मिट्टी लगाना
अग्नि स्नान - भस्म लगाना
वायव्य स्नान - गाय के खुर की धुली लगाना
दिव्य स्नान - सूर्य किरण मे वर्षा के जल से स्नान
वरुण स्नान - जल मे डुबकी लगाकर स्नान करना
मानसिक स्नान - आत्म चिंतन करना

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