Friday, 3 July 2015

Natural methods of hair color



 

Natural methods of hair color

कभी स्टाइल के लिए तो कभी बुढ़ापा छिपाने के लिए बालों को कलर करने का फैशन चलन में है। गोल्डन, रेज, डार्क ब्राउन, पर्पल और कई तरह के रंगों के चॉक भी मिलने लगे हैं, जिन्हें अपनी ड्रेस से मैच कर पार्टी में स्टाइलिश नजर आ सकते हैं। फैशन में चार चांद लगाने वाले इन कलर्स के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी। बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने पर बालों की ग्रोथ के साथ ही उनकी क्वालिटी पर भी फर्क पड़ता है। बालों के गिरने और रूसी की समस्या के लिए हम मौसम और खान-पान को दोषी ठहराते हैं, जबकि इसकी एक वजह कलरिंग भी होती है। कई तरह के नुकसानों से बचाने के लिए बालों की नेचुरल कलरिंग के कुछ तरीकों बारे में जानेंगे।
हेयर कलर करने के नेचुरल तरीके
बालों की कलरिंग के लिए कई नेचुरल तरीके भी अपनाए जा सकते हैं। इनसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता।
मेहंदी
मेहंदी लगाना बालों की कलरिंग करने का ही एक अच्छा और बेहतरीन ऑप्शन है। मेहंदी से न सिर्फ बालों की कंडीशनिंग हो जाती है, बल्कि इससे बाल ज्यादा घने, लंबे और मजबूत होते हैं।
नींबू का इस्तेमाल
बालों की कलरिंग के लिए नींबू का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। हालांकि, नींबू का असर कुछ देर से होता है, लेकिन यह बहुत ही कारगर होता है। नींबू नेचुरल ब्लीच माना गया है। यह कई तरह से फायदेमंद होता है। बालों में चमक लाने के साथ ही यह उन्हें मजबूत भी बनाता है। सबसे अच्छी चीज है कि यह बालों को धूप, धूल और प्रदूषण से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।
कॉफी
बालों को कलर के लिए कॉफी का इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होता है। कॉफी का कलर बालों पर आसानी से असर करता है और यह लंबे समय तक बरकरार भी रहता है। थोड़े से पानी में कॉफी डालकर उसे कुछ वक्त के लिए छोड़ देते हैं। धीरे-धीरे वह पानी में घुल जाती है। इस मिक्सचर को बालों में लगाएं या इसमें कुछ देर के लिए बालों को डिप करके रखें और फर्क देखें।
अखरोट और काले अखरोट
बालों की नेचुरल कलरिंग के लिए अखरोट का इस्तेमाल सबसे कारगर नुस्खा है। काले अखरोट से कलर किए हुए बालों पर रंगत बहुत ज्यादा दिनों तक बनी रहती है। पानी में काले अखरोट का पाउडर डाल इसे उबलने दें। कुछ देर के लिए इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। बालों पर इसे लगाएं और तुरंत असर देखें।

चुकंदर का जूस, गाजर का जूस
चुकंदर का इस्तेमाल सेहत के लिए ही नहीं, बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए भी किया जाता है। बालों की कलरिंग के लिए ये एक नेचुरल तरीका है। चुकंदर और गाजर की समान मात्रा मिलाकर इसे बालों में लगाएं। चुकंदर को स्ट्रॉबेरी के साथ मिलाकर लगाना भी फायदेमंद होता है। इस मिक्सचर को कम से कम एक घंटे तक बालों में लगा रहने दें और फर्क देखें। बाल कलर भी हो जाएंगे और उसमें अलग-सी चमक नजर आएगी।
ब्लैक टी
ब्लैक टी का इस्तेमाल भी बालों की कलरिंग का बहुत ही अच्छा और नेचुरल तरीका है। इसे बनाने के लिए पानी में टी-बैग्स डालकर उसे कुछ देर तक उबालें और ठंडा होने के लिए लगभग आधा घंटा तक छोड़ दें। बालों में ऑयलिंग और शैम्पू के बाद इस मिक्सचर को बालों में अच्छे से लगा लें। जल्द असर के लिए थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल पर इसका इस्तेमाल करती रहें।

नींबू और कॉफी से होती है नेचुरल हेयर कलरिंग, बालों की प्रॉब्लम्स रहती दूर
नेचुरल कलर गायब
असमय बालों के सफेद होने के चलते आजकल ज्यादातर लोग हेयर कलर का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन उन्हें इसके इस्तेमाल के सही तरीकों के बारे में नहीं पता, जिससे बालों के ऊपर कलरिंग के साथ-साथ वो जड़ों में भी कलर कर लेते हैं। इससे बालों में वापस नेचुरल कलर आने में काफी लंबा वक्त लग जाता है। साथ ही, जड़ों पर इसका असर ज्यादा नुकसानदेह होता है। बालों की ग्रोथ बहुत धीमी हो जाती है।

बालों की ड्रायनेस बढ़ जाती है
लगातार कलरिंग से बालों की क्वालिटी पर फर्क पड़ता है। सिल्की और शाइनिंग बाल बिल्कुल ड्राय नजर आने लगते हैं। कलर में बहुत ही स्ट्रॉन्ग केमिकल्स होते हैं, जिससे कुछ ही देर में बालों को मनचाहा कलर दिया जा सकता है। बालों के ड्रायनेस के लिए ये केमिकल ही जिम्मेदार होते हैं। इनसे बालों के गिरने की समस्या भी शुरू हो जाती है।

एलर्जी की प्रॉब्लम
हेयर कलर कई प्रकार की एलर्जी का भी कारण होते हैं। कई बार इनमें मौजूद केमिकल्स की थोड़ी-सी भी मात्रा चेहरे या बालों की जड़ों में टच हो जाने पर खुजली होना, लाल होना, दाने निकलना जैसी कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इसलिए इन्हें लगाते वक्त हाथों में दस्ताने पहनें या किसी प्लास्टिक कवर का इस्तेमाल करें। बालों की जड़ों में कलर भूलकर भी न लगाएं।

दोमुंहे बाल
घने और लंबे बालों की चाहत रखने वालों के लिए हेयर कलर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा नुकसानदेह होता है, क्योंकि इससे बाल नीचे से दोमुंहे हो जाते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ पूरी तरह से रुक जाती है। साथ ही, बालों की खूबसूरती पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। बाल रूखे और बेजान से नजर आते हैं।

रूसी की समस्या
डैंड्रफ की समस्या से बालों से संबंधित कई अन्य प्रकार की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। बालों के टूटने से लेकर, गंजेपन और उनकी शाइनिंग कम होने के लिए डैंड्रफ ही जिम्मेदार है और डैंड्रफ के लिए बालों की कलरिंग।

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