Monday, 6 July 2015

ॐ(OM) शब्द का वैज्ञानिक अर्थ और उसका महत्व benifit & meaning-of-om



(OM) शब्द का वैज्ञानिक अर्थ और उसका महत्व

शब्द का वैज्ञानिक अर्थ है। बल्कि ओ३म् तो किसी ना किसी रूप में सभी मुख्य  संस्कृतियों का प्रमुख भाग है। उदाहरण के लिए अगर हिन्दू अपने सब मन्त्रों और भजनों में इसको शामिल करते हैं तो ईसाई और यहूदी भी इसके जैसे ही एक शब्दआमेनका प्रयोग धार्मिक सहमति दिखाने के लिए करते हैं। हमारे मुस्लिम दोस्त इसकोआमीन  कह कर याद करते हैं। बौद्ध इसेओं मणिपद्मे हूंकह कर प्रयोग करते हैं। सिख मत भीइक ओंकार  अर्थातएक ओ३मके गुण गाता है।
अंग्रेजी का शब्द “omni”, जिसके अर्थ अनंत और कभी ख़त्म होने वाले तत्त्वों पर लगाए जाते हैं (जैसे omnipresent, omnipotent), भी वास्तव में इस ओ३म् शब्द से ही बना हैं
बोस्टन कनेक्टिकट  की एक वैज्ञानिक महिला ने ओ३म् पर शोध करने पर बहुत रोचक तथ्य पाया। ओम की आवृत्ति (frequency) और अपनी ही धुरी के चारों ओर पृथ्वी के घूर्णन की आवृत्ति (frequency of earth’s rotation around its own axis) समान है।
वास्तव में हरेक ध्वनि हमारे मन में कुछ भाव उत्पन्न करती है। सृष्टि की शुरुआत में जब ईश्वर ने ऋषियों के हृदयों में वेद प्रकाशित किये तो हरेक शब्द से सम्बंधित उनके निश्चित अर्थ ऋषियों ने ध्यान अवस्था में प्राप्त किये।
ऋषियों के अनुसार ओ३म् शब्द के तीन अक्षरों से भिन्न भिन्न अर्थ निकलते हैं। यह ओ३म् शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है- , , म। प्रत्येक अक्षर ईश्वर के अलग अलग नामों को अपने में समेटे हुए है। हिन्दू धर्म के अनुसार चले तो शब्द मे ब्रह्मा-विष्णु-महेश तीनों के गुण मिल जाएँगे।
ओ३म् बोलने से शरीर के अलग अलग भागों मे कंपन होते है जैसे की’:- शरीर के निचले हिस्से (पेट के करीब) कंपन होता है।’- शरीर के मध्य भाग (छाती के करीब) कंपन होता है।’- शरीर के ऊपरी हिस्से ( मस्तिक में) कंपन होता है।
ओ३म् इस ब्रह्माण्ड में उसी तरह भर रहा है कि जैसे आकाश। ओ३म् का उच्चारण करने से जो आनंद और शान्ति अनुभव होती है, वैसी शान्ति किसी और शब्द के उच्चारण से नहीं आती। यही कारण है कि सब जगह बहुत लोकप्रिय होने वाली आसन प्राणायाम की कक्षाओं में ओ३म के उच्चारण का बहुत महत्त्व है। बहुत मानसिक तनाव और अवसाद से ग्रसित लोगों पर कुछ ही दिनों में इसका जादू सा प्रभाव होता है। यही कारण है कि आजकल डॉक्टर आदि भी अपने मरीजों को आसन प्राणायाम की शिक्षा देते हैं।इसके कई शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक लाभ हैं। यहाँ तक कि यदि आपको अर्थ भी मालूम नहीं तो भी इसके उच्चारण से शारीरिक लाभ तो होगा ही।

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