Tuesday, 1 December 2015

चाणक्य ने अपनी नीतियों में सफलता पाने और सुखी रहने के कई सूत्र बताए हैं।

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सफलता पाने और सुखी रहने के कई सूत्र बताए हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर ही एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया था। यहां जानिए चाणक्य की नीतियां, जिन्हें ध्यान रखने पर हम किसी भी प्रकार के नुकसान से और बुरे समय से बच सकते हैं...
जो लोग मूर्ख हैं और दूसरों की बात समझते नहीं है, उनसे ज्ञान की बात नहीं करना चाहिए। मूर्ख लोगों से ज्ञान की बात करने पर हमारा समय भी बर्बाद होता है और बिना वजह वाद-विवाद बढ़ता है, क्योंकि ऐसे लोग सही बात को भी स्वीकार नहीं करते हैं। इसीलिए इन लोगों से दूर रहने पर हम नुकसान से बचे रहते हैं।
 जिस स्त्री का स्वभाव और चरित्र अच्छा नहीं है, उसका पालन-पोषण करने वाले व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्त्री को धन का लोभ होता है और धन के लिए ये कुछ भी गलत काम कर सकती हैं। इसीलिए बुरे स्वभाव की स्त्री से दूर रहना चाहिए।
 जो लोग कामचोर हैं, वे अपनी आदतों के कारण दुखी रहते हैं। ऐसे लोगों के साथ रहने वाले व्यक्ति को दुखों का सामना करना पड़ता है। कामचोर व्यक्ति भाग्य को दोष देता है और अपने दुख की बातें करता रहता है। जिससे साथ रहने वाले लोगों को भी परेशानियां हो सकती हैं। इसीलिए आलसी, कामचोर व्यक्ति से दूर ही रहना चाहिए।
 जिसके पास बुद्धि है, उसी के पास बल होता है। बहुत पुरानी कहानी है कि एक बुद्धिमान खरगोश ने शेर को कुएं में छलांग लगवा दी थी। इसीलिए बुद्धिमान व्यक्ति से मित्रता बनाए रखनी चाहिए।
 
धैर्य से ही दरिद्रता को दूर किया जा सकता है। जब भी विपरित परिस्थितियां आती हैं तो धैर्य के साथ अपना काम करते रहना चाहिए। काम करते रहने से धीरे-धीरे बुरा समय दूर हो जाता है।

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