यदि दिन की
शुरुआत शुभ हो
जाए तो पूरा
दिन शुभ रहता
है। इसीलिए शास्त्रों में
दिन को शुभ
बनाने के लिए
छोटी-छोटी कई
परंपराएं बताई गई हैं।
इन्हीं परंपराओं में
से एक परंपरा
है सुबह उठते
ही अपनी हथेलियों को
देखना। इस परंपरा
से कई लाभ
मिलते हैं। यहां
जानिए इस परंपरा
से जुड़ी खास
बातें...
इसे कहते हैं कर दर्शनम्
इस परंपरा को
कर दर्शनम् कहा
जाता है। सुबह
जब नींद से
जागने के बाद
सबसे पहले अपनी
हथेलियों को आपस में
मिलाएं और किताब
की तरह खोल
लें। इसके बाद
यह मंत्र पढ़ते
हुए हथेलियों का
दर्शन करें-
मंत्र-
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥
अर्थात- (मेरे) हाथ
के आगे वाले
भाग में महालक्ष्मी, मध्य
भाग में सरस्वती और
मूल भाग में
भगवान विष्णु का
निवास है। मैं
इन्हें प्रणाम करता/करती हूं, इनके
दर्शन करता/करती
हूं।
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